पत्ते हंसे, तना खिला ,टहनी मुस्कुराई।
जड़ से भी हँसने की आवाज आई।
आज क्या बात है ? फूल मुस्कुराते हुए बोले।
हम पतझड़ में गिर जाएंगे।
आपसे बिछड़ जाएंगे।
टहनी मुस्कुराई, फिर घबराई।
मैं भी बिछड़ जाऊंगी।
तूं उदास हो मत ।
मैं तुझे फिर जन्म दूँगी।
फूल का भी दर्द कम न था ।
मुझे कोई आता है तोड़ के ले जाता है।
अपनी महबूबा को पकड़ता है
वो" बेवफ़ा" उसी के मुंह पर मारती है
और दिल टूट जाता है।
हम वहीं पड़े रहते है सड़क पर
कोई पत्थर दिल आता है
कुचल के चला जाता है।।
जड़ से भी हँसने की आवाज आई।
आज क्या बात है ? फूल मुस्कुराते हुए बोले।
हम पतझड़ में गिर जाएंगे।
आपसे बिछड़ जाएंगे।
टहनी मुस्कुराई, फिर घबराई।
मैं भी बिछड़ जाऊंगी।
तूं उदास हो मत ।
मैं तुझे फिर जन्म दूँगी।
फूल का भी दर्द कम न था ।
मुझे कोई आता है तोड़ के ले जाता है।
अपनी महबूबा को पकड़ता है
वो" बेवफ़ा" उसी के मुंह पर मारती है
और दिल टूट जाता है।
हम वहीं पड़े रहते है सड़क पर
कोई पत्थर दिल आता है
कुचल के चला जाता है।।
दिनांक 16-11-11
No comments:
Post a Comment